Wednesday, 10 May 2017

भगवान बुद्ध ने दिया समरसता का संदेश : राकेश बिहारी।

नालंदा(एनएच न्यूज़ लाइव नालंदा के लिए एके सविता की रिपोर्ट।)
Edited by Prince Dilkhush



नालंदा: स्थानीय मोगल कुआं मुहल्ला में राष्ट्रीय नाई महासभा कार्यालय में राष्ट्रीय नाई महासभा के तत्वावधान में गौतम वुद्ध के जन्मोत्सव व महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर ''गौतम वुद्ध और आज का आंदोलन" विषय पर परिचर्चा का आयोजन राष्ट्रीय नाई महासभा के प्रदेश महासचिव राकेश बिहारी शर्मा की अध्यक्षता में किया गया।
 इस मौके पर अध्यक्षीय सम्बोधन में महासभा के महासचिव शिक्षाविद राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि महात्मा बुद्ध विश्व के महान दार्शनिक, धर्मगुरू एवं उच्च कोटी के समाज सुधारक तथा बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। महात्मा गौतम बुद्ध ने एक क्रान्तिकारी और सुधारवादी आन्दोलन चलाया।

बुद्ध ने धर्म को पाखंड, तर्क जाल और आडंबरों से मुक्त कर सरल, सुंदर और स्वस्थ जीवन जीने की कला दिया। यही कारण है कि विश्व के कई देशों में इस धर्म की पताका फहरा रही गौतम बुद्ध में सेवाभाव था, उन्होंने दीन-हीन की सेवा करने को महान बताया। भगवान बुद्ध ने मानवता के लिए कार्य किया, वे आडंबर विरोधी थे, करुणा व दया के उपदेश दिए। आज का मनुष्य जितना अधिक अधीर एवं असंयमी है उतना शायद पहले कभी नहीं रहा। वह रातों रात वह सब कुछ पा लेना चाहता है जो उसके पूर्वज सदियों में भी प्राप्त नहीं कर पाए थे। सब कुछ अपने पास ही समेट लेने की चाह ने जहाँ उसे स्वार्थी बनाया है वहीं उसे हिंसा का शिकार भी बना डाला है। फलस्वरूप वह मानसिक तनावों का शिकार हो कर लोभी, कामी, क्रोधी और हिंसक को उठा है। मानवीय मूल्यों का निरन्तर ह्रास होता जा रहा है। ऐसी हालत में गौतम बुद्ध के सिद्धांतों का शीतल मरहम ही उसके घावों को ठंड़क पहुँचा सकता है।

राम और कृष्ण के रूप में भगवान विष्णु ने धरती पर अवतार लिया था वैसे ही पशु हिंसा को रोकने एवं मानव को शान्ति का मार्ग दिखाने के लिए गौतम बुद्ध इस पृथ्वी पर अवतरित हुए। गौतम ने जन जन को अन्धविश्वासों, आतंक, हिंसा और स्वार्थ की संकुचित प्रवृतियों को उतार फेंकने का उपदेश दिया। उन्होंने सम्पूर्ण जगत के कल्याण के लिए सत्य, अहिंसा और प्रेम का सन्देश दिया। आज बौद्ध मत देश की सीमाएँ लांघ कर विश्व के कोने-कोने तक अपनी ज्योति फैलाने लगा। आज भी इस धर्म की मानवतावादी, बुद्धिवादी और जनवादी परिकल्पनाओं को नकारा नहीं जा सकता और इनके माध्यम से भेद-भावों से भरी व्यवस्था पर ज़ोरदार प्रहार किया जा सकता है। प्रेम विश्व की वर्तमान जरूरतें हैं जो अब विलुप्त होते जा रहे हैं। इस भावना को बुद्ध के विचारों के द्वारा ही संभव किया जा सकता है। गौतम बुद्ध के विचारों को चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान ने संपूर्ण विश्व में फैलाकर भारतीय संस्कृति के सूर्य की चमक से विश्व को आलोकित किया। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर समाज का नवनिर्माण करते हुए प्रगति के राह पर ले जाने का लोगों ने संकल्प लिया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय नाई महासभा के प्रदेश सचिव विनय कुमार आलोक, नालन्दा नाट्य संघ अध्यक्ष रामसागर राम, विशुनदेव कुमार,नितिन कुमार, धीरज कुमार, लल्ला कुमार,सुधीर कुमार, अमन कुमार, सोनू कुमार, शिवेंद्र कुमार, अजित कुमार मिश्रा, सुजीत कुमार शर्मा आदि उपस्थित सभी लोगों ने महात्मा गौतम बुद्ध को नमन करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किया।

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