एनएच न्यूज़ लाइव बिहार के लिए एके सविता की रिपोर्ट।
Edited by Prince Dilkhush
नालंदा(बिहारसरीफ) : सुंदर और स्वच्छ समाज के निर्माण में साहित्य की बड़ी भूमिका है। यह हमें उदारता एवं वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देती है। मशहूर साहित्यकार प्रोफेसर अब्दुस समद ने यह बातें रविवार को स्थानीय प्रेस क्लब में सम्मान समारोह के मौके पर कहीं। उन्होंने कहा कि विश्व राजनीति के निर्धारण में साहित्यकारों की खास भूमिका रही है। संस्कृत भारत की सबसे प्राचीन एवं सबसे समृद्ध भाषा रही है,और यह सभी भाषाओं की जननी है।
समारोह में प्रोफेसर अब्दुस्समद की धर्मपत्नी डॉक्टर अफसाना खातून ने कहा कि मनुष्य को आगे बढ़ने के लिए अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा पूर्वक एवं ईमानदारी से पूरा करना चाहिए। समारोह में सभी साहित्यकारों एवं अतिथियों का स्वागत कर रहे जिला सूचना और जनसंपर्क पदाधिकारी लालबाबू सिंह ने कहा कि प्रोफेसर मोहमद अब्दुस्समद नालंदा की धरोहर हैं और इनके साहित्य इतने समृद्ध हैं कि वह दुनिया की कई भाषाओं में अनुवादित हैं।
भारत विभाजन के मुद्दे पर लिखा गया इनका उपन्यास दो गज जमीन विश्व प्रसिद्ध है। साथ ही यह दुनिया के कई विश्वविद्यालयों में उर्दू भाषा के पाठ्यक्रम में शामिल है। इसी उपन्यास के लिए उन्हें भारत का प्रसिद्ध साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला है।
मौके पर प्रसिद्ध साहित्यकार और गीतकार डॉक्टर हरीश चंद्र प्रियदर्शी ने प्रोफेसर अब्दुस्समद को अंगवस्त्र देकर सम्मानित कर इनकी रचनाओं एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन आशुतोष कुमार आर्य ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन साहित्यप्रेमी राकेश बिहारी शर्मा ने किया।
इस अवसर पर मिशन हरियाली के अध्यक्ष राजीव रंजन भारती, कर्मठ दसस्य धनन्जय कुमार, फिल्मकार एसके अमृत, शायर तनवीर साकित, शायर तंग अय्यूवी, साहित्यकार महेंद्र कुमार विकल, मगही कवि उमेश प्रसाद उमेश, समाजसेवी दीपक कुमार, समाजसेवी डॉक्टर आसुतोष कुमार, समाजसेवी चंद्रउदय कुमार, डॉ.रेखा सिन्हा, जनवादी कवि सुभाष चन्द्र पासवान , कवि अर्जुन प्रसाद बादल, शाह जावेदी, समाजसेवी राजेश ठाकुर समेत जिला के सभी प्रमुख साहित्यकार उपस्थित थे।
Edited by Prince Dilkhush
नालंदा(बिहारसरीफ) : सुंदर और स्वच्छ समाज के निर्माण में साहित्य की बड़ी भूमिका है। यह हमें उदारता एवं वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देती है। मशहूर साहित्यकार प्रोफेसर अब्दुस समद ने यह बातें रविवार को स्थानीय प्रेस क्लब में सम्मान समारोह के मौके पर कहीं। उन्होंने कहा कि विश्व राजनीति के निर्धारण में साहित्यकारों की खास भूमिका रही है। संस्कृत भारत की सबसे प्राचीन एवं सबसे समृद्ध भाषा रही है,और यह सभी भाषाओं की जननी है।
समारोह में प्रोफेसर अब्दुस्समद की धर्मपत्नी डॉक्टर अफसाना खातून ने कहा कि मनुष्य को आगे बढ़ने के लिए अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा पूर्वक एवं ईमानदारी से पूरा करना चाहिए। समारोह में सभी साहित्यकारों एवं अतिथियों का स्वागत कर रहे जिला सूचना और जनसंपर्क पदाधिकारी लालबाबू सिंह ने कहा कि प्रोफेसर मोहमद अब्दुस्समद नालंदा की धरोहर हैं और इनके साहित्य इतने समृद्ध हैं कि वह दुनिया की कई भाषाओं में अनुवादित हैं।
भारत विभाजन के मुद्दे पर लिखा गया इनका उपन्यास दो गज जमीन विश्व प्रसिद्ध है। साथ ही यह दुनिया के कई विश्वविद्यालयों में उर्दू भाषा के पाठ्यक्रम में शामिल है। इसी उपन्यास के लिए उन्हें भारत का प्रसिद्ध साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला है।
मौके पर प्रसिद्ध साहित्यकार और गीतकार डॉक्टर हरीश चंद्र प्रियदर्शी ने प्रोफेसर अब्दुस्समद को अंगवस्त्र देकर सम्मानित कर इनकी रचनाओं एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन आशुतोष कुमार आर्य ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन साहित्यप्रेमी राकेश बिहारी शर्मा ने किया।
इस अवसर पर मिशन हरियाली के अध्यक्ष राजीव रंजन भारती, कर्मठ दसस्य धनन्जय कुमार, फिल्मकार एसके अमृत, शायर तनवीर साकित, शायर तंग अय्यूवी, साहित्यकार महेंद्र कुमार विकल, मगही कवि उमेश प्रसाद उमेश, समाजसेवी दीपक कुमार, समाजसेवी डॉक्टर आसुतोष कुमार, समाजसेवी चंद्रउदय कुमार, डॉ.रेखा सिन्हा, जनवादी कवि सुभाष चन्द्र पासवान , कवि अर्जुन प्रसाद बादल, शाह जावेदी, समाजसेवी राजेश ठाकुर समेत जिला के सभी प्रमुख साहित्यकार उपस्थित थे।

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